हनुमान आरती (Hanuman Aarti)

॥ श्री हनुमंत स्तुति ॥मनोजवं मारुत तुल्यवेगं,जितेन्द्रियं, बुद्धिमतां वरिष्ठम् ॥वातात्मजं वानरयुथ मुख्यं,श्रीरामदुतं शरणम प्रपद्धे ॥ ॥ आरती ॥आरती कीजै हनुमान लला की ।दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥ जाके बल…